क्या छवि की चुनौती से जूझ रहे हैं राजनीतिक दलों के मीडिया प्लेटफॉर्म? क्या वे चाहकर भी निष्पक्ष हो सकते हैं? वे पत्रकारिता की सेवा कर रहे हैं या पार्टी की?
संचालन:अतुल चौरसिया
बलदेव भाई शर्मा, डॉ. भालचंद्र कांगो, कविता कृष्णन, डॉ. शिव शक्तिनाथ बख्शी, ज़फर आग़ा